कहीं नाम बिना सुर बाजे ,
हार - बिना फूल साजे ,,
कहीं नाम बिना सुर बाजे ।।
बांसुरीया राधा राधा पुकारे ,
पैजनिया छुपे लाजे ।
कहीं नाम बिना सुर बाजे ।।
कीन्हे निहारूं किसे पुकारूँ ,
लागे नहीं बाहर बिराजे,
नाम बिना सुर बाजे ।।
खिलखिल किलकारी खिले मुरलीधारी ,
वहीं बिराजे सब काजे ,,
कहीं नाम बिना सुर बाजे ।।
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